महिला दिवस 8 मार्च

महिला दिवस विशेष: महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के अधिकारों, सम्मान और उपलब्धियों को समर्पित होता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day – IWD) के नाम से भी जाना जाता है।

महिला दिवस का इतिहासइस दिन की शुरुआत 1908 में हुई, जब अमेरिका में महिलाओं ने काम के घंटे कम करने, वेतन बढ़ाने और वोटिंग के अधिकार की मांग के लिए प्रदर्शन किया। इसके बाद 1910 में डेनमार्क की समाजसेवी क्लारा ज़ेटकिन ने इस दिन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का सुझाव दिया। 1911 में पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में महिला दिवस मनाया गया।संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 1975 में इसे आधिकारिक रूप से मान्यता दी और इसे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया।महिला दिवस का महत्वमहिला दिवस महिलाओं के संघर्षों, सफलताओं और समाज में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन लैंगिक समानता (Gender Equality) और महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम करता है।

हर साल एक नई थीमसंयुक्त राष्ट्र हर साल महिला दिवस के लिए एक थीम तय करता है। यह थीम महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है, जैसे—

2023 की थीम: “DigitALL: Innovation and Technology for Gender Equality” (महिलाओं के लिए नवाचार और तकनीक)

2024 की थीम: “Invest in Women: Accelerate Progress” (महिलाओं में निवेश करें, प्रगति तेज करें)

महिला दिवस कैसे मनाया जाता है?

1. सम्मेलन और कार्यक्रम – महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानने और उनके अधिकारों पर चर्चा करने के लिए सेमिनार आयोजित किए जाते हैं।

2. सम्मान समारोह – विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान को सराहने के लिए उन्हें पुरस्कार दिए जाते हैं।

3. रैलियां और जागरूकता अभियान – लैंगिक समानता और महिलाओं के हक की वकालत के लिए प्रदर्शन और चर्चाएं होती हैं।

4. सोशल मीडिया अभियान – लोग हैशटैग (#IWD, #WomensDay) का उपयोग कर महिलाओं की कहानियां और प्रेरक संदेश साझा करते हैं।

महिला सशक्तिकरण के लिए कुछ महत्वपूर्ण पहल

1. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (2015) – लड़कियों की शिक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की पहल।

2. उज्ज्वला योजना (2016) – महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देकर उनके स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार लाने की योजना।

3. सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHGs) – महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जाती हैं।

दिवस सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि महिलाओं की समानता, सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के प्रति संकल्प लेने का दिन है। जब तक समाज में हर महिला को बराबरी और सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक इस दिन की सार्थकता अधूरी रहेगी। हमें हर दिन महिलाओं का समर्थन और सम्मान करना चाहिए।

Leave a Comment

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *