सोशल मीडिया का उपयोग आज के दौर में अत्यधिक बढ़ गया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, व्हाट्सएप, लिंक्डइन और अन्य प्लेटफार्म्स पर लोग अपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक जानकारियाँ साझा करते हैं। लेकिन, इस सुविधा के साथ ही साइबर अपराध का खतरा भी बढ़ गया है। यह ब्लॉग सोशल मीडिया से जुड़े सभी प्रकार के साइबर अपराध, उनके कारण, निवारण और कानूनी प्रावधानों की विस्तारपूर्वक जानकारी देगा।
सोशल मीडिया से जुड़े साइबर अपराध के प्रकार:
- हैकिंग (Hacking):
- सोशल मीडिया अकाउंट्स को बिना अनुमति के एक्सेस करना या उनका दुरुपयोग करना।
- पासवर्ड चुराकर या सिस्टम की कमजोरियों का लाभ उठाकर जानकारी चुराना।
- फिशिंग (Phishing):
- नकली वेबसाइट्स या ईमेल्स के माध्यम से उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील जानकारी (पासवर्ड, बैंक डिटेल्स आदि) प्राप्त करना।
- साइबर बुलिंग (Cyber Bullying):
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर किसी व्यक्ति को डराना, धमकाना, परेशान करना या बदनाम करना।
- इम्पर्सनेशन (Impersonation):
- किसी अन्य व्यक्ति की पहचान को चुराकर उसका गलत उपयोग करना।
- नकली प्रोफाइल बनाना और दूसरों को धोखा देना।
- डेटा चोरी (Data Theft):
- व्यक्तिगत जानकारियों जैसे कि फोटो, वीडियो, दस्तावेज़ आदि की चोरी करना।
- ट्रॉलिंग (Trolling):
- अनजान लोगों को बेवजह उकसाना या अपमानित करना।
- चाइल्ड पोर्नोग्राफी और ग्रूमिंग (Child Pornography & Grooming):
- नाबालिगों को अश्लील सामग्री में फंसाना या उनका शोषण करना।
- डीपफेक (Deepfake):
- नकली वीडियो या ऑडियो बनाना और उन्हें असली बताकर प्रसारित करना।
- अवैध वित्तीय धोखाधड़ी (Fraud):
- सोशल मीडिया के माध्यम से नकली योजनाओं द्वारा लोगों से पैसे ठगना।
- ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग (Online Blackmailing):
- किसी व्यक्ति की निजी जानकारी या फोटो को सार्वजनिक करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करना।
साइबर अपराध के कारण:
- जानकारी की कमी और इंटरनेट सुरक्षा उपायों की अनदेखी।
- सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग और असुरक्षित सेटिंग्स।
- व्यक्तिगत जानकारियों को सार्वजनिक करना।
- अनजाने लोगों को फॉलो करना या उनकी रिक्वेस्ट स्वीकार करना।
निवारण के उपाय:
- सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को सक्षम करें।
- अनजान लिंक या मैसेजेस पर क्लिक न करें।
- सोशल मीडिया प्रोफाइल्स को प्राइवेट रखें।
- शंका होने पर तुरंत रिपोर्ट करें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि को अनदेखा न करें।
कानूनी प्रावधान:
भारत में साइबर अपराधों से निपटने के लिए मुख्यतः सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (Information Technology Act, 2000) को लागू किया गया है। यह अधिनियम कई बार संशोधित हो चुका है, जिसमें विशेष रूप से 2008 का संशोधन (IT Amendment Act, 2008) शामिल है। इस अधिनियम के तहत निम्नलिखित धाराएँ प्रमुखता से आती हैं:
- धारा 66C (पहचान की चोरी):
- किसी अन्य व्यक्ति की पहचान या डिजिटल हस्ताक्षर को चोरी करना।
- सजा: तीन साल तक की कैद और जुर्माना।
- धारा 66D (धोखाधड़ी):
- इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों द्वारा किसी को धोखा देना।
- सजा: तीन साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना।
- धारा 66E (गोपनीयता का उल्लंघन):
- किसी की निजी जानकारी, जैसे तस्वीरें, वीडियो आदि को उसकी अनुमति के बिना सार्वजनिक करना।
- सजा: तीन साल तक की कैद और दो लाख रुपये तक का जुर्माना।
- धारा 67 (अश्लील सामग्री का प्रसार):
- अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना।
- सजा: पहली बार अपराध करने पर पाँच साल की कैद और दस लाख रुपये तक का जुर्माना।
- धारा 67A (यौन सामग्री का प्रसार):
- यौन क्रियाओं से संबंधित सामग्री का प्रसार करना।
- सजा: सात साल की कैद और दस लाख रुपये तक का जुर्माना।
- धारा 67B (बाल पोर्नोग्राफी):
- नाबालिगों की अश्लील सामग्री का निर्माण, वितरण या प्राप्त करना।
- सजा: पाँच से सात साल की कैद और दस लाख रुपये तक का जुर्माना।
- धारा 69 (इंटरसेप्शन और निगरानी):
- सरकार को किसी भी कंप्यूटर संसाधन की निगरानी या अवरोधन करने का अधिकार।
- सजा: सात साल तक की कैद।
- धारा 70 (संवेदनशील कंप्यूटर संसाधन):
- संरक्षित कंप्यूटर सिस्टम तक अनधिकृत पहुंच।
- सजा: दस साल तक की कैद और जुर्माना।
- धारा 72 (गोपनीयता का उल्लंघन):
- किसी अन्य की व्यक्तिगत जानकारी को गुप्त रूप से प्राप्त करना या उसका दुरुपयोग करना।
- सजा: दो साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना।
- धारा 73 (डिजिटल सर्टिफिकेट से संबंधित अपराध):
- फर्जी डिजिटल सर्टिफिकेट जारी करना या उसका गलत उपयोग करना।
- सजा: दो साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना।
अन्य कानूनी प्रावधान:
- भारतीय दंड संहिता (IPC): इसके तहत भी कुछ साइबर अपराधों को शामिल किया गया है, जैसे धोखाधड़ी, धमकी, छेड़छाड़ आदि।
- पोस्को एक्ट (POCSO Act): बाल यौन शोषण से जुड़े मामलों में भी साइबर अपराध के प्रावधान शामिल हैं।
- नया साइबर सुरक्षा कानून (यदि लागू हुआ): भविष्य में संभावित संशोधन और नए कानून भी प्रभावी हो सकते हैं।
सोशल मीडिया का उपयोग सुरक्षा उपायों के साथ करना अत्यंत आवश्यक है। उपयोगकर्ताओं को जागरूक रहना चाहिए और सुरक्षित इंटरनेट प्रथाओं का पालन करना चाहिए। साइबर अपराध से बचने के लिए सरकार और कानून द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है।