5 दिसंबर 2024 को प्रकाशित किया गया है और यह छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 (संख्या 1 वर्ष 1994) के अंतर्गत आता है। इसमें मुख्य रूप से ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना के प्रबंधन और संचालन से संबंधित नियम और दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
यह नियम छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन और अन्य पेयजल योजनाओं के बेहतर प्रबंधन और संचालन के लिए बनाए गए हैं। इसके अंतर्गत समिति का गठन, आर्थिक प्रबंधन, जल गुणवत्ता परीक्षण, शिकायत निवारण प्रणाली और संरचना प्रबंधन जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है।
इस दस्तावेज़ में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं:
1. नाम और प्रारंभ:
- इस नियम का नाम है “छत्तीसगढ़ ग्रामीण पेयजल प्रबंधन और संचालन नियम, 2024”।
- यह नियम 5 दिसंबर 2024 से प्रभावी हुआ है।
2. परिभाषाएँ (Definitions):
- ‘विधि’ (Act): छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 (संख्या 1 वर्ष 1994)।
- ‘संपत्ति’ (Assets): जल जीवन मिशन और अन्य योजनाओं के अंतर्गत निर्मित संरचनाएँ।
- ‘समिति’ (Committee): ग्राम पंचायत के सामान्य प्रशासन समिति।
- ‘उपभोक्ता’ (Consumer): ग्राम में रहने वाला व्यक्ति जो सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा पेयजल प्रणाली से पानी प्राप्त करता है।
- ‘जल कर’ (Water Charges): ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के लिए लगाए गए कर।
3. समिति का गठन (Committee Formation):
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामान्य प्रशासन समिति का गठन किया गया है।
- यह समिति जल जीवन मिशन या अन्य योजनाओं के तहत निर्मित संरचनाओं का संचालन और रखरखाव करेगी।
- यह समिति ग्राम सभा की अनुमति से योजना के संचालन और रखरखाव का कार्य कर सकती है।
4. समिति के कर्तव्य और दायित्व (Duties and Responsibilities):
- जल कर निर्धारण: ग्रामीण पेयजल प्रणाली के संचालन और रखरखाव के लिए जल कर की दरें तय करना।
- नए कनेक्शन या पुन: कनेक्शन: नए कनेक्शन की अनुमति देना और अनुचित प्रयोग के मामलों में कार्रवाई करना।
- निरीक्षण: नियमित या साप्ताहिक आधार पर निरीक्षण करना और निर्देश जारी करना।
- लेखा प्रबंधन: प्राप्तियों का डिजिटल माध्यम से संग्रह करना और रिकॉर्ड रखना।
5. आर्थिक प्रबंधन (Financial Management):
- बैंक खाता खोलना: ग्राम पंचायत के नाम पर RBI द्वारा मान्यता प्राप्त बैंक में खाता खोला जाएगा।
- जल कर का संग्रहण: सभी स्रोतों से प्राप्त राशि को उसी खाते में जमा करना।
- वार्षिक बजट: पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वार्षिक बजट में इस योजना को शामिल करना।
6. संरचना और संपत्ति प्रबंधन (Infrastructure and Asset Management):
- योजना के अंतर्गत निर्मित संरचनाओं का हस्तांतरण प्रक्रिया।
- ग्रामीण पेयजल से जुड़ी संपत्तियों की समय-समय पर मरम्मत और रखरखाव।
7. जल गुणवत्ता परीक्षण (Water Quality Testing):
- सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा जल गुणवत्ता का परीक्षण और प्रशिक्षण।
- नमूना संग्रह के लिए ग्राम पंचायत का सहयोग।
- सभी परीक्षणों का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य।
8. जल कर निर्धारण (Fixation of Water Charges):
- जल कर की दरें ग्राम सभा की स्वीकृति के बाद तय की जाएंगी।
- प्रत्येक तीन वर्षों के बाद न्यूनतम 25 प्रतिशत वृद्धि की जाएगी।
- नए कनेक्शन और संस्थागत कनेक्शन के लिए सुरक्षा राशि तय की जाएगी।
9. दंड और जुर्माने (Penalties and Fines):
- पेयजल के दुरुपयोग के मामलों में जुर्माना और नल कनेक्शन का विच्छेदन किया जा सकता है।
- यदि कोई उपभोक्ता तीन बार जल कर का भुगतान नहीं करता है, तो नल कनेक्शन काट दिया जाएगा।
- यदि उपभोक्ता पुनः कनेक्शन चाहता है, तो उसे अतिरिक्त शुल्क के साथ आवेदन करना होगा।
10. शिकायत निवारण प्रणाली (Grievance Redressal System):
- शिकायतें ग्राम पंचायत कार्यालय में लिखित रूप में दी जा सकती हैं।
- आपातकालीन स्थिति में समिति तुरंत कार्रवाई करेगी।
- समय सीमा के भीतर समाधान न होने पर उपभोक्ता जिला पंचायत में शिकायत कर सकता है।
11. समन्वय प्रणाली (Coordination System):
- ग्रामीण पेयजल प्रणाली के संचालन की त्रैमासिक समीक्षा राज्य स्तर पर की जाएगी।
- राज्य स्तर पर समन्वय समिति का गठन किया जाएगा।
12. अनुसूचियाँ (Schedules):
- इस दस्तावेज़ में विभिन्न कार्यों के लिए तालिकाएं और प्रक्रियाएं दी गई हैं।
- इसमें जल कर की दरें, शिकायत निवारण प्रक्रिया, रखरखाव और संचालन के नियम आदि शामिल हैं।