
भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जहाँ हर राज्य की अपनी जलवायु, भूगोल और संसाधन होते हैं। बढ़ती जनसंख्या, जलवायु परिवर्तन और असंतुलित संसाधन उपयोग के कारण हमारे देश में जल और ऊर्जा संकट की समस्या बढ़ती जा रही है। इस समस्या से निपटने के लिए हमें एक सशक्त मिशन की आवश्यकता है। इस दृष्टि से “हर घर रेन वाटर, हर हर सोलर, हर खेत में कुआं” नामक अभियान की कल्पना की जा रही है। यह एक ऐसा मिशन है जिसका उद्देश्य जल और ऊर्जा संरक्षण के साथ-साथ किसानों की समृद्धि को भी सुनिश्चित करना है।
हर घर रेन वाटर (हर घर में वर्षा जल संचयन)
भारत में हर वर्ष पर्याप्त मात्रा में वर्षा होती है, लेकिन उचित प्रबंधन के अभाव में इसका बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है। यदि प्रत्येक घर में वर्षा जल संचयन की उचित व्यवस्था की जाए, तो जल संकट की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकता है।
लाभ:
- पीने और उपयोग के लिए साफ पानी की उपलब्धता।
- भूजल स्तर में वृद्धि।
- जल संकट से बचाव।
उदाहरण: चेन्नई, बेंगलुरु और राजस्थान के कई क्षेत्रों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग तकनीक को अपनाकर जल संकट पर काबू पाया गया है।
हर हर सोलर (सौर ऊर्जा का व्यापक उपयोग)
भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है जहाँ पूरे वर्ष सूर्य की रोशनी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है। सोलर पैनलों की स्थापना द्वारा हम न केवल ऊर्जा की समस्या का समाधान कर सकते हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल उपाय भी अपना सकते हैं।
लाभ:
- बिजली की बचत और लागत में कमी।
- प्रदूषण मुक्त ऊर्जा स्रोत।
- ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली की उपलब्धता।
उदाहरण: गुजरात और राजस्थान में बड़े पैमाने पर सोलर पावर प्रोजेक्ट्स चलाए जा रहे हैं, जिससे लाखों घरों को बिजली मिल रही है।
हर खेत में कुआं (खेती के लिए जल स्रोत की उपलब्धता)
खेती किसानों की जीवनरेखा है और इसके लिए जल की आवश्यकता सर्वोपरि है। लेकिन कई क्षेत्रों में वर्षा की कमी या अनियमितता के कारण खेती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए, हर खेत में कुआं अभियान के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि हर किसान के पास अपने खेत के लिए जल स्रोत उपलब्ध हो।
लाभ:
- सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी।
- फसल उत्पादन में वृद्धि।
- किसानों की आत्मनिर्भरता।
उदाहरण: महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों ने कुंआ खोदकर सिंचाई की समस्याओं का हल निकाला है।
संयुक्त मिशन के लाभ
“हर घर रेन वाटर, हर हर सोलर, हर खेत में कुआं” अभियान यदि एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में अपनाया जाए तो इसके अनेक लाभ होंगे:
- ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जल और ऊर्जा की समस्या का समाधान।
- किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार।
- पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास।
- सरकार और नागरिकों के बीच सहयोग की भावना का विकास।
भारत जैसे विशाल देश के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने प्राकृतिक संसाधनों का समझदारी से उपयोग करें। “हर घर रेन वाटर, हर हर सोलर, हर खेत में कुआं” अभियान एक सशक्त कदम हो सकता है जो न केवल जल और ऊर्जा संकट को हल करेगा बल्कि हमारे किसानों और नागरिकों के जीवन में समृद्धि लाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
आइए, मिलकर इस मिशन को सफल बनाएं और एक सशक्त, आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत की ओर कदम बढ़ाएं।