
भारत में गर्मी का मौसम न केवल तपती धूप और पसीने से तरबतर शरीर लाता है, बल्कि यह स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं भी लेकर आता है। लू लगना, डिहाइड्रेशन, स्किन एलर्जी, थकान, और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। इसलिए गर्मी के मौसम में खुद का विशेष ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
1. गर्मी को समझें – मौसम की प्रकृति को जानना जरूरी है
गर्मी के मौसम में वातावरण में गर्म हवा और तेज धूप होती है। तापमान कई बार 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। इस दौरान शरीर में पानी की मात्रा तेजी से कम होती है और पसीना निकलने से इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। इसलिए गर्मी के असर को समझना ही पहला कदम है खुद का ध्यान रखने की दिशा में।
2. शरीर को हाइड्रेट रखें – पानी है जीवन
गर्मी में सबसे जरूरी है शरीर को हाइड्रेट रखना। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ये बातें ध्यान रखें:
क्या करें:
- रोज़ कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पिएं।
- नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ, आम पन्ना और बेल का शरबत पिएं।
- पानी में कभी-कभी एक चुटकी नमक और चीनी मिलाकर इलेक्ट्रोलाइट्स संतुलन बनाए रखें।
क्या न करें:
- कोल्ड ड्रिंक्स और अत्यधिक कैफीन से परहेज करें क्योंकि ये शरीर को और अधिक डिहाइड्रेट कर सकते हैं।
3. सही खानपान अपनाएं – ठंडा, हल्का और पौष्टिक खाएं
गर्मी में शरीर को ठंडक देने वाले आहार लेना बेहद जरूरी होता है।
गर्मियों में खाने योग्य चीज़ें:
- फल: तरबूज, खरबूजा, पपीता, आम (सीजनल और सीमित मात्रा में), अंगूर।
- सब्ज़ियाँ: खीरा, ककड़ी, लौकी, तुरई, तोरई, टमाटर।
- दही और छाछ: पेट को ठंडक देने में मददगार।
- हल्का खाना: उबली दालें, चावल, दलिया, खिचड़ी।
क्या न खाएं:
- तली-भुनी और मसालेदार चीज़ें।
- गरम और बासी खाना।
- मांसाहारी और भारी भोजन दोपहर में न लें।
4. कपड़ों का चयन – हल्के और ढीले कपड़े पहनें
गर्मियों में कपड़ों का सही चयन बहुत मायने रखता है।
क्या पहनें:
- सूती और लाइट कलर के कपड़े।
- ढीले और आरामदायक कपड़े जिससे हवा का आवागमन बना रहे।
क्या न पहनें:
- टाइट फिटिंग और सिंथेटिक कपड़े।
- काले या गहरे रंग के कपड़े जो गर्मी को ज्यादा आकर्षित करते हैं।
5. बाहर निकलने से पहले सावधानी बरतें
सावधानी:
- सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक तेज धूप में निकलने से बचें।
- अगर निकलना पड़े तो सिर पर टोपी, दुपट्टा या छाता रखें।
- आँखों की सुरक्षा के लिए सनग्लासेस पहनें।
- स्किन के लिए सनस्क्रीन लोशन (SPF 30+ या अधिक) लगाएं।
6. त्वचा और बालों की देखभाल
त्वचा की देखभाल:
- दिन में दो बार चेहरे को ठंडे पानी से धोएं।
- एलोवेरा जेल, गुलाब जल और खीरे का रस त्वचा को ठंडक और नमी देते हैं।
- शरीर को ठंडे पानी से नहाएं, गर्म पानी से नहीं।
बालों की देखभाल:
- हफ्ते में दो बार बालों में नारियल या जैतून का तेल लगाएं।
- धूप से बालों को ढकें ताकि रूखापन और झड़ना न हो।
7. आराम और नींद भी जरूरी है
गर्मी में शरीर जल्दी थक जाता है, इसलिए:
- कम से कम 7–8 घंटे की नींद लें।
- दोपहर में 20–30 मिनट की power nap भी शरीर को तरोताजा करती है।
- हवादार जगह पर सोएं, जरूरत हो तो कूलर या पंखे का प्रयोग करें।
8. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
- छोटे बच्चों और बुजुर्गों को डिहाइड्रेशन जल्दी हो सकता है।
- उन्हें समय-समय पर पानी दें, बाहर न निकलने दें।
- हल्का, सुपाच्य और ठंडा खाना दें।
9. व्यायाम और योग: कब और कैसे करें
- व्यायाम या योग सुबह जल्दी या शाम को करें।
- बहुत अधिक पसीना निकालने वाले व्यायाम से बचें।
- प्राणायाम, शवासन, अनुलोम-विलोम गर्मी में बहुत लाभकारी होते हैं।
10. घरेलू उपाय और देसी नुस्खे
हीट स्ट्रोक से बचाव:
- प्याज को जेब में रखना या लहसुन की छोटी कली खाना।
- बेल का शरबत और आम पन्ना लू से बचाता है।
ताज़गी के लिए:
- गुलाब जल को चेहरे पर छिड़कें।
- खीरे और टमाटर का रस चेहरे पर लगाएं।
11. पालतू जानवरों और पौधों का भी ख्याल रखें
गर्मी सिर्फ इंसानों को ही नहीं, जानवरों और पौधों को भी परेशान करती है।
- पालतू जानवरों को ठंडा पानी, छांव और समय पर खाना दें।
- पौधों को सुबह या शाम को पानी दें, दोपहर में नहीं।
12. यात्रा करते समय क्या करें
- अपने साथ पानी की बोतल जरूर रखें।
- सनस्क्रीन, टोपी, रुमाल और शर्बत जैसी चीज़ें साथ रखें।
- हल्का खाना खाएं और सड़क किनारे बिक रहे कटे फलों से बचें।
13. गर्मी में होने वाली आम बीमारियाँ और उनसे बचाव
1. लू लगना (Heat Stroke)
- कारण: तेज धूप में अधिक समय बिताना।
- लक्षण: तेज बुखार, चक्कर आना, शरीर में गर्मी, कमजोरी।
- बचाव:
- सिर ढककर बाहर निकलें (टोपी, दुपट्टा, छाता)
- खूब पानी पिएं।
- धूप में कम से कम जाएं।
2. डिहाइड्रेशन (Dehydration)
- कारण: शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी।
- लक्षण: मुंह सूखना, पेशाब का रंग गहरा होना, थकान, चक्कर।
- बचाव:
- दिन भर में 3–4 लीटर पानी पिएं।
- नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ आदि पिएं।
- कैफीन और सोडा से बचें।
3. हीट रैशेज (Heat Rashes)
- कारण: अत्यधिक पसीना और बंद कपड़ों की वजह से त्वचा में जलन।
- लक्षण: लाल चकत्ते, खुजली, जलन।
- बचाव:
- ढीले और सूती कपड़े पहनें।
- शरीर को साफ और सूखा रखें।
- टेलकम पाउडर या चंदन पाउडर का इस्तेमाल करें।
4. फूड पॉइज़निंग (Food Poisoning)
- कारण: बासी, दूषित या कटे-फटे फल खाना।
- लक्षण: उल्टी, दस्त, पेट दर्द।
- बचाव:
- केवल ताजा और घर का बना खाना खाएं।
- सड़क किनारे बिक रहे खुले भोजन से बचें।
- भोजन से पहले हाथ धोना न भूलें।
5. आंखों में जलन और संक्रमण
- कारण: तेज धूप, धूल और पसीने से।
- लक्षण: आंखों में लालिमा, जलन, पानी आना।
- बचाव:
- सनग्लासेस पहनें।
- आंखों को ठंडे पानी से धोएं।
- आँखों में हाथ न लगाएं।
6. सनबर्न (Sunburn)
- कारण: बिना सुरक्षा के लंबे समय तक धूप में रहना।
- लक्षण: त्वचा का लाल होना, जलन, छाले पड़ना।
- बचाव:
- सनस्क्रीन (SPF 30+) का प्रयोग करें।
- चेहरे और हाथों को ढककर बाहर निकलें।
नारे:
- “पानी-पानी कर गई ये गर्मी, बचाव में ही है समझदारी।”
- “गर्मी को हराना है, खुद को ठंडा रखना है।”
सूक्तियाँ:
- “स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।”
- “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।”
गर्मी का मौसम चाहे कितना भी कठिन क्यों न हो, यदि आप सावधानी बरतें, उचित खानपान लें, शरीर को हाइड्रेट रखें और साफ-सफाई बनाए रखें, तो यह मौसम भी आरामदायक और स्वस्थ तरीके से गुज़र सकता है। खुद का ख्याल रखना केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—आपके अपने शरीर, अपने परिवार और समाज के लिए।