आयकर विधेयक 2025 (Income Tax Bill 2025)
भारत सरकार ने 60 साल पुराने आयकर अधिनियम, 1961 को समाप्त कर एक नया और सरल आयकर कानून लाने का प्रस्ताव दिया है — इसे आयकर अधिनियम 2025 (Income Tax Act, 2025) कहा जाएगा। यह 1 अप्रैल 2026 से लागू हो सकता है।
मुख्य उद्देश्य:
- आयकर कानून को सरल और समझने योग्य बनाना
- विवादों (litigation) को कम करना
- टैक्स कंप्लायंस को बढ़ाना
- डिजिटल और आधुनिक आर्थिक गतिविधियों को कवर करना
मुख्य विशेषताएँ (Key Features):
1. भाषा और संरचना में सुधार
- सरल भाषा में लिखा गया है जिससे आम नागरिक और व्यापारी इसे आसानी से समझ सकें।
- पुराने कानून की तुलना में कम अध्याय और कम शब्द – जिससे पढ़ना आसान हो।
- टेबल और फार्मूले की मदद से कर की गणना को आसान बनाया गया है।
2. क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति माना गया
- क्रिप्टो करेंसी जैसे Virtual Digital Assets को अब Capital Asset (पूंजीगत संपत्ति) माना जाएगा।
- इससे उस पर भी Capital Gain Tax लगेगा।
3. नए टैक्स वर्ष (Tax Year) की परिभाषा
- अब “Tax Year” शब्द का प्रयोग होगा – मतलब हर वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च तक चलेगा।
4. Dispute Resolution में स्पष्टता
- अब निर्णय लेने का आधार, प्रक्रिया और कारण स्पष्ट बताए जाएंगे।
- पहले की तुलना में ज्यादा पारदर्शिता लाई जाएगी।
5. पुराने अपवादों की समाप्ति
- Section 54E जो अप्रैल 1992 से पहले की संपत्ति की बिक्री पर छूट देता था, उसे हटा दिया गया है।
6. पुरानी और बेकार धाराओं को हटाया गया
- कई ऐसे प्रावधान जो अब उपयोग में नहीं आते, उन्हें नए कानून से हटाया गया है।
इस विधेयक से होने वाले लाभ:
- आयकर कानून और अधिक पारदर्शी, सरल और डिजिटल फ्रेंडली होगा।
- टैक्सपेयर्स को कम दिक्कत, अधिक स्पष्टता मिलेगी।
- स्टार्टअप्स, क्रिप्टो निवेशकों और डिजिटल कारोबारियों के लिए अधिक स्पष्ट दिशा निर्देश होंगे।
Income Tax Bill 2025 भारत की आर्थिक संरचना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे आम नागरिकों को अपनी आय पर टैक्स भरना आसान होगा, और सरकार को टैक्स व्यवस्था को ज्यादा कुशलता से लागू करने में मदद मिलेगी।