आयकर रिटर्न (ITR)

भारत में आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना हर करदाता के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह न केवल आपकी आय को कानूनी रूप से दर्शाता है, बल्कि कर नियमों का पालन भी सुनिश्चित करता है। आइए इसे विस्तारपूर्वक समझते हैं।

आयकर रिटर्न (ITR) क्या है?

आयकर रिटर्न (ITR) एक ऐसा दस्तावेज़ होता है जिसे करदाता (individual, HUF, कंपनी आदि) को आयकर विभाग को प्रस्तुत करना होता है। इसमें करदाता की आय, निवेश, कटौतियाँ, टैक्स भुगतान और टैक्स रिफंड की जानकारी दी जाती है।

ITR दाखिल करने की आवश्यकता क्यों होती है?

  1. कानूनी दायित्व: यदि आपकी आय एक निश्चित सीमा से अधिक है, तो ITR दाखिल करना अनिवार्य है।
  2. टैक्स रिफंड प्राप्त करना: यदि आपके द्वारा पहले से अधिक कर का भुगतान किया गया है, तो रिफंड प्राप्त करने के लिए ITR दाखिल करना आवश्यक है।
  3. वित्तीय प्रमाण: लोन, वीज़ा, या अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए ITR का होना महत्वपूर्ण होता है।
  4. भविष्य में टैक्स जांच से बचाव: ITR दाखिल करने से भविष्य में होने वाली किसी भी प्रकार की जांच में मदद मिलती है।

ITR के प्रकार (ITR Forms)

भारत में कुल 7 प्रकार के ITR फॉर्म होते हैं।

  1. ITR-1 (सहज): वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों के लिए।
  2. ITR-2: जिनकी आय वेतन, पेंशन, मकान संपत्ति और पूंजीगत लाभ से होती है।
  3. ITR-3: व्यापारियों और पेशेवरों के लिए।
  4. ITR-4 (सुगम): सरल प्रणाली के अंतर्गत छोटे व्यवसाय और पेशेवर।
  5. ITR-5: फर्म, LLP, AOP और BOI के लिए।
  6. ITR-6: कंपनियों के लिए (जिन्हें धारा 11 के अंतर्गत छूट प्राप्त नहीं है)।
  7. ITR-7: ट्रस्ट और अन्य संस्थानों के लिए।

ITR दाखिल करने की प्रक्रिया (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों)

ऑनलाइन प्रक्रिया:

  1. ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं: https://incometaxindiaefiling.gov.in
  2. पंजीकरण (Registration): पैन नंबर के साथ पंजीकरण करें।
  3. लॉगिन: यूज़र आईडी और पासवर्ड के साथ लॉगिन करें।
  4. फॉर्म सेलेक्ट करें: सही ITR फॉर्म का चयन करें।
  5. विवरण भरें: अपनी आय, निवेश और कटौती की जानकारी दर्ज करें।
  6. फाइल जमा करें और सत्यापन करें।

ऑफलाइन प्रक्रिया:

  1. फॉर्म डाउनलोड करें और भरें।
  2. भरे हुए फॉर्म को आयकर विभाग के कार्यालय में जमा करें।

ITR दाखिल करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़:

  • पैन कार्ड
  • आधार कार्ड
  • फॉर्म 16 (वेतनभोगियों के लिए)
  • बैंक स्टेटमेंट
  • निवेश के प्रमाणपत्र
  • मकान ऋण (Home Loan) के प्रमाणपत्र
  • पिछले वर्ष के ITR की प्रतिलिपि

आय के विभिन्न स्रोत और उनकी गणना:

  1. वेतन (Salary): वेतन पर्ची और फॉर्म 16 के आधार पर।
  2. गृह संपत्ति (House Property): किराये की आय या स्व-अधिभोग।
  3. पूंजीगत लाभ (Capital Gains): शेयर, संपत्ति की बिक्री आदि।
  4. व्यापार/पेशा (Business/Profession): व्यापार से होने वाली आय।
  5. अन्य स्रोत (Other Sources): ब्याज, डिविडेंड, लॉटरी आदि।

आयकर की गणना और टैक्स स्लैब:

नई टैक्स व्यवस्था के टैक्स स्लैब (2024-25):

  1. 0 – 3 लाख रुपये की आय पर: कोई कर नहीं (0%)।
  2. 3 लाख – 6 लाख रुपये की आय पर: 5%।
  3. 6 लाख – 9 लाख रुपये की आय पर: 10%।
  4. 9 लाख – 12 लाख रुपये की आय पर: 15%।
  5. 12 लाख – 15 लाख रुपये की आय पर: 20%।
  6. 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर: 30%।

पुरानी टैक्स व्यवस्था के टैक्स स्लैब (2024-25):

  1. 0 – 2.5 लाख रुपये की आय पर: कोई कर नहीं (0%)।
  2. 2.5 लाख – 5 लाख रुपये की आय पर: 5%।
  3. 5 लाख – 10 लाख रुपये की आय पर: 20%।
  4. 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर: 30%।
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