RERA (वास्तविक संपत्ति नियमन और विकास अधिनियम)

RERA (वास्तविक संपत्ति नियमन और विकास अधिनियम)

भारत में रियल एस्टेट सेक्टर को पारदर्शिता, जवाबदेही और ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के उद्देश्य से सरकार ने ‘RERA’ (Real Estate Regulation and Development Act – वास्तविक संपत्ति नियमन और विकास अधिनियम) को लागू किया। यह कानून 1 मई 2016 से प्रभावी हुआ।

RERA का उद्देश्य

  1. पारदर्शिता में सुधार: बिल्डरों और प्रमोटरों को सभी प्रोजेक्ट की जानकारी एक सार्वजनिक पोर्टल पर डालने के लिए बाध्य करना।
  2. ग्राहकों की सुरक्षा: ग्राहकों को धोखाधड़ी और अनिश्चित निर्माण कार्यों से बचाना।
  3. जवाबदेही की स्थापना: प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए बिल्डरों को जिम्मेदार बनाना।
  4. वित्तीय अनुशासन: प्रोजेक्ट के लिए प्राप्त राशि का उपयोग केवल उसी प्रोजेक्ट में करना।
  5. उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा: ग्राहकों को सही जानकारी, समय पर कब्जा और प्रोजेक्ट की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।

RERA की प्रमुख विशेषताएँ

  1. प्रोजेक्ट का पंजीकरण: सभी वाणिज्यिक और आवासीय प्रोजेक्ट्स को RERA में पंजीकृत करना अनिवार्य है।
  2. रजिस्ट्रेशन के बिना बिक्री नहीं: बिना पंजीकरण के किसी भी प्रोजेक्ट का विपणन या बिक्री करना अवैध है।
  3. डिटेल्ड प्रोजेक्ट जानकारी: बिल्डर्स को प्रोजेक्ट की जानकारी जैसे लेआउट, समय-सीमा, प्रोजेक्ट की प्रगति आदि को RERA की वेबसाइट पर अपलोड करना पड़ता है।
  4. ग्राहकों के अधिकार: यदि बिल्डर वादे के अनुसार प्रोजेक्ट पूरा नहीं करता, तो ग्राहक शिकायत दर्ज कर सकते हैं और मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।
  5. फंड का दुरुपयोग रोकना: बिल्डर को ग्राहकों से प्राप्त राशि का 70% एक अलग बैंक खाते में रखना अनिवार्य है जिसका उपयोग केवल प्रोजेक्ट के कार्य में ही किया जा सकता है।
  6. पेनल्टी का प्रावधान: नियमों का उल्लंघन करने पर बिल्डर और प्रमोटरों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

RERA के लाभ

  1. ग्राहकों का विश्वास बढ़ा: पारदर्शिता के कारण ग्राहकों का रियल एस्टेट सेक्टर पर विश्वास बढ़ा।
  2. धोखाधड़ी में कमी: बिल्डरों को अपने वादों के अनुसार कार्य करना पड़ता है, जिससे धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आई है।
  3. निर्माण कार्य में तेजी: समय पर प्रोजेक्ट पूरा करने की बाध्यता के कारण निर्माण की गति में वृद्धि हुई है।
  4. जवाबदेही: बिल्डरों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाता है।
  5. ग्राहकों के अधिकार सुरक्षित: ग्राहक अब अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक हैं और अपनी शिकायतों का समाधान पा सकते हैं।

RERA में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

  1. RERA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
  2. शिकायत पंजीकरण फॉर्म भरें।
  3. सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  4. शिकायत शुल्क का भुगतान करें।
  5. शिकायत दर्ज करने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त करें।

RERA का भविष्य

RERA ने रियल एस्टेट सेक्टर में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है। यह कानून ग्राहकों और बिल्डरों दोनों के लिए लाभकारी साबित हुआ है। आगे चलकर, इसमें और सुधार किए जा सकते हैं जिससे रियल एस्टेट उद्योग और अधिक संगठित और जवाबदेह बन.

RERA एक ऐतिहासिक कदम है जो रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने में मदद कर रहा है। इससे न केवल ग्राहकों का विश्वास बढ़ा है बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर की कार्यप्रणाली भी बेहतर हुई है। यह कानून उन सभी के लिए आवश्यक है जो रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं या इस क्षेत्र में कार्यरत हैं।

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