कॉपीराइट एक्ट (Copyright Act) भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) की सुरक्षा से जुड़ा कानून है। यह मुख्य रूप से साहित्य, कला, संगीत, फिल्म, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, नाटक आदि जैसी रचनाओं के लेखकों/निर्माताओं को उनके कार्य पर कानूनी अधिकार प्रदान करता है।


  1. भारत में कॉपीराइट कानून

भारत में कॉपीराइट की सुरक्षा Copyright Act, 1957 द्वारा की जाती है।

इसमें कई बार संशोधन हुए हैं, जैसे 1983, 1984, 1992, 1994, 1999 और 2012।

इसका उद्देश्य सृजनकर्ता (Author/Creator) के आर्थिक और नैतिक अधिकारों (Economic & Moral Rights) की रक्षा करना है।


  1. किन चीज़ों पर कॉपीराइट मिलता है?

कॉपीराइट मुख्य रूप से मौलिक (Original) और रचनात्मक कार्यों पर मिलता है:

साहित्यिक कृतियाँ (Books, Poems, Articles, Computer Programs)

नाट्य कृतियाँ (Drama, Scripts)

संगीत कृतियाँ (Songs, Lyrics, Musical Composition)

कलात्मक कृतियाँ (Painting, Drawing, Photography, Sculpture, Architecture)

चलचित्र (Films, Cinema, Videos)

ध्वनि रिकॉर्डिंग (Sound Recording, Audio)

कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर और डेटाबेस


  1. कॉपीराइट की अवधि (Term of Copyright)

साहित्यिक, नाट्य, संगीत और कलात्मक कृतियों पर कॉपीराइट: लेखक के जीवनकाल + 60 वर्ष।

फिल्म, साउंड रिकॉर्डिंग, फोटोग्राफ आदि पर: प्रकाशन (Publication) की तिथि से 60 वर्ष।


  1. कॉपीराइट धारक के अधिकार

Reproduction Right: अपनी रचना की प्रतिलिपि बनाने का अधिकार।

Distribution Right: अपनी रचना को प्रकाशित और वितरित करने का अधिकार।

Public Performance Right: रचना को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करने का अधिकार।

Translation & Adaptation Right: रचना का अनुवाद या रूपांतरण करने का अधिकार।

Moral Rights: लेखक का यह अधिकार कि उसके नाम और मान-सम्मान को क्षति न पहुँचे।


  1. कॉपीराइट उल्लंघन (Infringement)

अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति के कॉपीराइट सुरक्षित रचना का उपयोग करता है, तो यह उल्लंघन (Infringement) कहलाता है।

दंड: 6 महीने से 3 साल तक की सज़ा और ₹50,000 से ₹2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।


  1. अपवाद (Exceptions – Fair Use)

कुछ परिस्थितियों में कॉपीराइट उल्लंघन नहीं माना जाता:

निजी या व्यक्तिगत अध्ययन, शोध के लिए उपयोग

समीक्षा या आलोचना

समाचार रिपोर्टिंग

शिक्षण संस्थान में शैक्षणिक उपयोग

न्यायिक कार्यवाही में उपयोग


  1. UPSC/कानूनी दृष्टिकोण से महत्व

बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights – IPR) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा।

WTO और TRIPS Agreement से जुड़ा।

डिजिटल युग में कॉपीराइट का महत्व और बढ़ गया है (जैसे OTT, Software, YouTube, Music Industry आदि)।

2012 संशोधन में Digital Rights Management (DRM), सिनेमा और संगीत उद्योग के लिए विशेष प्रावधान जोड़े गए।

Leave a Comment

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *